::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: नवग्रहको विविध मन्त्र ............................................................. 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 सूर्य ग्रहको 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 १:---ॐ घृणिः सूर्याय नमः २:---ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम: जपसंख्या :- ७ हजार ............................................................. 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 चन्द्रमा ग्रहको 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 १:--ॐ सों सोमाय नमः २:--ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः सोमाय नमः जपसंख्या :--- ११ हजार ............................................................. 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 भौम-मंगल ग्रहको 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 १:---ॐ अं अङ्गारकाय नमः २:---ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम: जपसंख्या :-- १० हजार ............................................................. 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 बुध ग्रहको 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 १:--ॐ बुं बुधाय नमः २:--ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः जपसंख्या :-- ८ हजार ............................................................. 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 गुरु ग्रहको 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 १:---ॐ बृं बहस्पतये नमः २:---ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः जपसंख्या :-- १९ हजार ............................................................. 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 शुक्र ग्रहको 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 १:---ॐ शुं शुक्राय नमः २:-- ॐ द्रां द्रीं द्रौम सः शुक्राय नमः जपसंख्या :-- ११ हजार ............................................................. 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 शनि ग्रहको 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 १ :-- ॐ शं शनैश्चराय नमः २ :-- ॐ प्रां प्रीं प्रोम सह शनै नमः जपसंख्या :-- २३ हजार ............................................................. 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 राहु ग्रहको 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 १ :-- ॐ रां राहवे नमः २ :-- ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः जपसंख्या :-- १८ हजार ............................................................. 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 केतु ग्रहको 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 १:--- ॐ कें केतवे नमः २:--- ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः जपसंख्या :-- ७ हजार ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ ::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 सूर्य ग्रहको 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 .................................................................. वैदिक मन्त्र ॐ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतम्मर्त्यञ्च । हिरण्ययेन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन् ॥ .................................................................. गायत्री मन्त्र १:--ॐ आदित्याय विद्महे दिवाकराय धीमहि । तन्नः सूर्यः प्रचोदयात् ।। २:--ॐ भास्कराय विद्महे महातेजाय धीमहिः तन्नः सूर्यः प्रचोदयात् । .................................................................. तान्त्रिक मन्त्र १:---ॐ घृणिः सूर्याय नमः २:---ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम: जपसंख्या :--- ७ हजार .................................................................. पिङ्गलाको मन्त्र ॐ ग्लौं पिङ्गले वैरकारिणी प्रसीद फट् स्वाहा जपसंख्या :--- २ हजार ................................................................. दान गर्ने वस्तु सुन,तामा,गहुँ, गुण, मुसुराे, राताे वस्त्र,गाई र मणिक .................................................................. रत्न धारण गर्ने ३ वा ५ रतिकाे राताे माणिक्य सुनकाे औठी वनाई दाहिने हातकाे साईलि औलामा आईतवार वा तिष्य नक्षत्रमा धारण गर्ने । तामाकाे औठीमा पनि धारण गर्न सकिन्छ । .................................................................. उपासना सूर्य उपासना .................................................................. स्नान राताे फूल, केशर, देवदारुकाे पात, ईलाईचिकाे मिश्रण साथ स्नान गर्ने .................................................................. व्रत आईतवारकाे व्रत .................................................................. पाठ ०१:--सूर्य पुराणको पाठ गर्ने ०२:--वाल्मीकि रामायणकाे पाठ गर्ने ०३:--आदित्य हृदय स्ताेत्रको पाठ गर्ने ०४:--श्रीसुक्तको पाठ गर्ने .................................................................. पुजा शिव पुजा गर्ने .................................................................. समिधा आककाे समिधा ( दाउरा) हवन गर्ने .................................................................. बलि सख्खर र चामलकाे बलि दिने । .................................................................. स्तोत्रम् जपाकुसुमसङ्काशं काश्यपेयं महदद्युतिम्। तमोरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोSस्मि दिवाकरम्॥१॥ ............................................................... सूर्य पीडाहर स्तोत्र ग्रहाणामादिरात्यो लोकरक्षणकारकः। विषमस्थानसम्भूतां पीड़ां हरतु मे रविः।।१ ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ ::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 चन्द्रमा ग्रहको 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 .................................................................. वैदिक मन्त्र ॐ इमन्देवा असपत्न सुवध्वं महते क्षत्राय महते ज्येष्ठाय महते जानराज्यायेन्द्रस्येन्द्रियाय । इमममुष्य पुत्रममुष्यै पुत्रमस्यै विशऽएषवोऽमी राजा सोमोऽस्माकम्ब्राह्मणाना राजा ॥ .................................................................. गायत्री मन्त्र ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृततत्वाय धीमहिः तन्नो चन्द्रः प्रचोदयात् । .................................................................. तान्त्रिक मन्त्र १:--ॐ सों सोमाय नमः २:--ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः सोमाय नमः जपसंख्या :--- ११ हजार .................................................................. मङ्गलाको मन्त्र ॐ ही मङ्गले मङ्गलाय स्वाहा जपसंख्या :-- १ हजार .................................................................. दान गर्ने सामान घिउ, सेताे कपडा, माेति, दहि, चाँदि, कपुर, चमल, सेताे गाई, सेताेफूल, काँसकाे भाँडाे, .................................................................. रत्न धारण माेति, २,४,६,वा ११,रतिकाे सुन वा चाँदिकाे औठीमा शुक्लपक्षकाे साेमवार राेहिणि नक्षत्र र कालदण्ड याेगमा दायाँ हातकाे कान्छि औलामा या लकेट बनाई धारण गर्ने । .................................................................. उपासना भगवान शङ्करकाे .................................................................. स्नान पञ्चगब्य, शङ्ख, चन्दन, चाँदिकाे चूर्ण भस्म, माेति, कमलकाे फूलकाे मिश्रणले स्नान गर्ने .................................................................. व्रत १:---साेमवारकाे व्रत २:---सोमप्रदाेष व्रत .................................................................. पाठ १:---ललित सहस्रनाम पाठ गर्ने, २:---साेम शुक्त पाठ गर्ने, .................................................................. पुजन रुद्र पुजा गर्ने .................................................................. समिधा पलाँसकाे समिधा,( दाउरा) हवन गर्ने .................................................................. बलि पायस ( खीर) बलि दिने .................................................................. स्तोत्रम् दधिशङ्खतुषाराभं क्षीरोदार्णवसम्भवम्। नमामि शशिनं सोमं शम्भोर्मुकुटभूषणम्॥२॥ ............................................................... चन्द्र पीडाहर स्तोत्र रोहिणीशः सुधामूर्ति: सुधागात्रः सुधाशनः। विषमस्थानसम्भूतां पीड़ां हरतु मे विधुः।।२ ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ ::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 भौम-मंगल ग्रहको 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 .................................................................. वैदिक मन्त्र ॐ अग्निमूर्द्धा दिवः ककुत्पतिः पृथिव्याऽअयम् । अपा रेता सिजिन्वति ।। .................................................................. गायत्री मन्त्र ॐ अंगरकाय विद्महे शक्तिहस्ताय धीमहिः तन्नो भौमः प्रचोदयात् । .................................................................. तान्त्रिक मन्त्र १:---ॐ अं अङ्गारकाय नमः २:---ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम: जपसंख्या :-- १० हजार .................................................................. भ्रामरीको मन्त्र ॐ श्री भ्रामरी जगतामधीश्वरी भ्रामरी क्लीं स्वाहा । जपसंख्या :-- ४ हजार .................................................................. दान गर्ने मुगा, गहुँ, मुसुराे, गुण, सुन, तामा, चन्दन, राताे करविरकाे फूल, राताे कपडा, राताे गाईकाे बाछा .................................................................. रत्न धारण सुनकाे औठी मा मुगा ८ देखि ११ रतिकाे राखि दाहिने हातकाे साहिँलि औलामा धारण गर्ने तामाकाे औठी पनि लाभदाई हुन्छ। .................................................................. उपासना १:--गणेश जीकाे उपासना २:-- हनुमान जीकाे उपासना .................................................................. स्नान बेलकाे पात, चम्पक, अरुणपुष्प बकुल्लाे हिङ्गु, आदिकाे मिश्रणले स्नान गर्ने .................................................................. व्रत मङ्गलवार व्रत वस्ने .................................................................. पाठ १:---गणेश अथर्व शिर्षको पाठ गर्ने २:---भाैम शुक्त पाठ गर्ने ३:---हनुमान चालिसा पाठ गर्ने .................................................................. पूजा गणेश जीकाे पूजा गरेर .................................................................. समिधा खयरकाे समिधा, ( दाउरा) हवन गरेर .................................................................. बलि हविष्यान्न वलि दिएर .................................................................. स्तोत्रम् धरणीगर्भसम्भूतं विद्युत्कान्तिसमप्रभम्। कुमारं शक्तिहस्तं तं मङ्गलं प्रणमाम्यहम्॥३॥ ................................................................ मंगल पीडाहर स्तोत्र धरणीगर्भसम्भूतः शक्तिशूलधरः प्रभुः। विषमस्थानसम्भूतां पीड़ां हरतु मे कुजः।। ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ ::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 बुध ग्रहको 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 .................................................................. वैदिक मन्त्र ॐ उद्बुद्धय स्वाग्नेप्प्रतिजागृहि त्वमिष्टयपूर्ते स सृजेथामयञ्च । अस्मिन्सधस्थेऽअध्युत्तरस्मिन् विश्वेदेवा यजमानश्च सीदत ॥ .................................................................. गायत्री मन्त्र ॐ सौम्यरूपाय विद्महे वाणेशाय धीमहिः तन्नो बुधः प्रचोदयात् । .................................................................. तान्त्रिक मन्त्र १:--ॐ बुं बुधाय नमः २:--ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः जपसंख्या :-- ८ हजार .................................................................. भद्रिकाको मन्त्र ॐ भद्रिके भद्रं देहि अभद्रं नाशय स्वाहा । जपसंख्या :--- .................................................................. दान गर्ने वस्तु मुँगा,घियु,काँसकाे भाँडा,हरियाे कपडा,कालाे बाछाे,हात्तीको दाँत,फूल, पन्ना, अादि दान गर्ने .................................................................. रत्न धारण गर्ने पन्ना, ३ वा ६ रतिकाे दाहिने हातकाे कान्छि अाैँलामा बुधबार उत्तर फाल्गुणि नक्षत्रमा धारण गर्नु पर्छ वा लकेट वनाई लगाउने .................................................................. उपासना विष्णु भगवानकाे उपासना .................................................................. स्नान गाेवर, चामल, मह, सेताे सर्सुँ, गाेराेचन, सुन, अमला, माेति, जाईफलकाे मिश्रण अादिले स्नान .................................................................. व्रत १:--बुधबारको व्रत वस्ने २:--एकादशीकाे व्रत वस्ने .................................................................. पाठ १:--दुर्गा सप्तसति, २:--बुधसूक्त पाठ .................................................................. पुजा भगवान बिष्णुकाे पूजा गरेर .................................................................. समिधा अपमार्ग समिधा ( दाउरा) हवन गरेर .................................................................. बलि दूध र षष्टिका ( धानकाे चामल) बलि दिएर .................................................................. स्तोत्रम् प्रियङ्गुकलिकाश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम्। सौम्यं सौम्यगुणोपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहम्॥४॥ ................................................................ बुध पीडाहर स्तोत्र सोमजः सौम्यगतिः सौम्यरूपधरः शुभः। विषमस्थानसम्भूतां पीड़ां हरतु मे बुधः।।४ ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ ::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 गुरु ग्रहको 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 .................................................................. वैदिक मन्त्र ॐ बृहस्पतेऽअतियदर्योऽअर्हाद्युमद्विभाति ऋतुमज्जनेषु । यद्दीदयच्छवस ऋतप्प्रजात तदस्मासु द्रविणन्धेहि चित्रम् । .................................................................. गायत्री ॐ अंगिरसाय विद्महे दण्डायुधाय धीमहिः तन्नो जीवः प्रचोदयात् । ................................................................. तान्त्रिक मन्त्र १:---ॐ बृं बहस्पतये नमः २:---ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः जपसंख्या :-- १९ हजार .................................................................. धान्याको मन्त्र ॐ श्री धनदे धन्ये स्वाहा जपसंख्या :--- .................................................................. दान गर्ने वस्तु सखर, धान, घाेडा, सुन, पहेँलो वस्त्र,नुन, पुष्पराज, वेसार, पहेँलो फूल, पुस्तक अादि .................................................................. रत्न धारण गर्ने पुष्पराज ७ देखि ९ रत्तिकाे दाहिने हातकाे चाेरि अाैँलामा सुनमा,बिहीबार पुष्य नक्षत्रकाे दिन धारण गर्ने .................................................................. उपासना ब्रम्हाजीकाे उपासना गर्ने .................................................................. स्नान मलती,फूलकाे पालुवा,सेताे सर्स्युँ,मह अादिले स्नान गर्ने .................................................................. व्रत बिहीबारको व्रत वस्ने .................................................................. पाठ १:--हरिवँश पुराण पाठ २:--बृहस्पतिसूक्त पाठ गर्ने .................................................................. पुजा भगवान् विष्णुकाे पुजा .................................................................. समिधा पिपल काे समिधा ( दाउरा) हवन गर्ने .................................................................. बलि दहि र चामल बलि दिएर .................................................................. स्तोत्रम् देवानाञ्च ऋषीणां च गुरुं काञ्चनसन्निभम्। बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्॥५॥ ................................................................ गुरू पीडाहर स्तोत्र देवानां गुरुर्विद्वान् ज्ञानविज्ञाननिश्चयः। विषमस्थानसम्भूतां पीड़ां हरतु मे गुरुः।।५ ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ ::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: ::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 शुक्र ग्रहको 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 .................................................................. वैदिक मन्त्र ॐ अन्नात्परिस्रुतो रसम्ब्रह्मणा व्यपिबत् क्षत्रम्पयः सोमम्प्रजापतिः । ऋतेन सत्यमिन्द्रियं विपान शुक्रमन्धसऽइन्द्रस्येन्द्रियमिदम्पयोऽमृतम्मधु ।। .................................................................. गायत्री ॐ भृगुसुताय विद्महे दिव्यदेहाय धीमहिः तन्नः शुक्रः प्रचोदयात् । .................................................................. तान्त्रिक मन्त्र १:---ॐ शुं शुक्राय नमः २:-- ॐ द्रां द्रीं द्रौम सः शुक्राय नमः जपसंख्या :-- ११ हजार .................................................................. सिद्धाको मन्त्र ॐ ह्रीं सिद्धे मे सर्वमानसं साधय स्वाहा जपसंख्या :--- .................................................................. दान गर्ने वस्तु विभिन्न रँगकाे कपडा, सेताे घाेडा, हिरा, सुन, चाँदि, चामल, श्रीखण्ड, सेताे गाई, सेताेफूल दान गर्ने .................................................................. रत्न धारण गर्ने हिरा २ वा ७ रत्तिकाे सुन वा चाँदिकाे औठीमा शुक्रबार मृगशिरा नक्षत्र ,पारेर साहिँलि वा कान्छि औलामा धारण गर्ने .................................................................. उपासना १:--लक्ष्मीको २:--दुर्गाको ३:--ईन्द्रायणीकाे .................................................................. स्नान कुङ्कुम, इलाईचि, अमला, केशर, जाईफल, चन्दन, असदिकाे मिश्रण शरिरमा लेपन गरि स्नान गर्ने .................................................................. व्रत १:-- शुक्रबारकाे व्रत २:-- अष्टमिकाे व्रत .................................................................. पाठ १:--श्रीशुक्त पाठगर्ने २:--लक्ष्मी शुक्त पाठगर्ने ३:--दुर्गा सप्तशति पाठगर्ने .................................................................. पुजा १:---नवदुर्गाकाे पुजा गर्ने .................................................................. समिधा डुम्रि ( दाउरा) हवन गर्ने .................................................................. बलि घ्यू र अन्नकाे .................................................................. स्तोत्रम् हिमकुन्दमृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम्। सर्वशास्त्रप्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम्॥६॥ ................................................................ शुक्र पीडाहर स्तोत्र दैत्याचार्यः कविः कुञ्जरः कलत्रप्रदः सुखदः। विषमस्थानसम्भूतां पीड़ां हरतु मे भृगुः।।६ ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ ::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 शनि ग्रहको 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 .................................................................. वैदिक मन्त्र ॐ शन्नो देवीरभीष्टयऽआपो भवन्तु पीतये । संय्योरभिस्रवन्तुनः ॥ .................................................................. गायत्री ॐ सूर्यपुत्राय विद्महे मृत्युरूपाय धीमहिः तन्नः सौरिः प्रचोदयात् । .................................................................. तान्त्रिक मन्त्र १ :-- ॐ शं शनैश्चराय नमः २ :-- ॐ प्रां प्रीं प्रोम सह शनै नमः जपसंख्या :-- २३ हजार .................................................................. उल्काको मन्त्र ॐ ह्रीं उल्के मम रोगं नाशय जृम्भय स्वाहा जपसंख्या :--- .................................................................. दान गर्ने वस्तु नीलम, फलाम, भैंसी, मास, गहत, कालाे कपडा, कालाेतिल, काली गाई, कालाे फूल, तेल फलफूल अादि .................................................................. रत्न धारण गर्ने नीलम, ३,६,७,वा १० रतिकाे सुन वा फलामकाे अाैँठिमा शनिबार श्रवण नक्षत्र पारेर दाहिने हातकाे माझी अाैलामा धारण गर्ने .................................................................. उपासना १:--शिवजी २:--भैरव ३:--महाकाली ४:--शनि महाकाल .................................................................. स्नान कुङ्कुम, ईलाईचि, अमला, केशर, जाईफल, अपराजिता, अादि मिश्रण शरिरमा लेपनगरि स्नान गर्ने .................................................................. व्रत शनिवारकाे व्रत .................................................................. पाठ १:--श्रीमद्भागवत् नल चरित्र पाठ २:--शिवपुराण, .................................................................. पुजा १:--शनिमहाकाल २:--देवि .................................................................. समिधा समिकाे दाउराकाे हवन .................................................................. बलि खिचडिकाे बलि .................................................................. स्तोत्रम् नीलाञ्जनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्। छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्॥७॥ ................................................................ शनि पीडाहर स्तोत्र छायात्मजः स्थूलतनुः नीलवर्णः शनैश्चरः। विषमस्थानसम्भूतां पीड़ां हरतु मे शनैः।। ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ ::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: ::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 राहु ग्रहको 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 .................................................................. वैदिक मन्त्र ॐ कयानश्चित्र आभुवदूतीसदा वृधःसखा । कया शचिष्ठया वृता ।। .................................................................. गायत्री ॐ शिरोरूपाय विद्महे अमृतेशाय धीमहिः तन्नः राहुः प्रचोदयात् । .................................................................. तान्त्रिक मन्त्र १ :-- ॐ रां राहवे नमः २ :-- ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः जपसंख्या :-- १८ हजार .................................................................. सङ्कटाको मन्त्र ॐ ह्रीं सङ्कटे मम रोगं नाशय स्वाहा जपसंख्या :--- .................................................................. दान गर्ने वस्तु खड्ग, गाेमेद, घाेडा, कालाेतिल, कालाे कपडा, कालाेफूल, मलाम, कम्बल, अादि दान गर्ने .................................................................. रत्न धारण गर्ने गाेमेद, ३ वा ६ रतिकाे सुन वा चाँदिकाे अाैँठिमा बुधवार, शनिवार, वा उत्तरफाल्गुणि नक्षत्र पारेर दाहिने हातकाे माझी अाैँलामा धारण गर्ने .................................................................. उपासना वटुक भैरवकाे उपासना गर्ने .................................................................. स्नान सर्र्स्युँ, बेसार, लाजा, कस्तुरि, हात्तिकाे दाँत, काे साथमा ८ अाेटा मँगलवार सम्म स्नान गर्ने .................................................................. व्रत पञ्चमिकाे व्रत .................................................................. पाठ १:--दुर्गासप्तशति उच्च स्वरमा पाठ, २:--वटुक भैरवकाे उपासना, पुजा वा पाठ, ३:--श्रावण महिनामा लघु रुद्राभिषेक ४:--राहु सूक्त पाठ गर्ने .................................................................. पुजा १:--महिसासूर मर्दिनि भगवती पूजा, २:--नाग पूजा .................................................................. समिधा दुवाे हवन गर्ने .................................................................. बलि विभिन्न प्रकारकाे अन्नकाे वलि दिने .................................................................. स्तोत्रम् अर्धकायं महावीर्यं चन्द्रादित्यविमर्दनम्। सिंहिकागर्भसम्भूतं तं राहुं प्रणमाम्यहम्॥८॥ ................................................................ राहु पीडाहर स्तोत्र सिंहीकायाम्भवः क्रूरः शून्यरूपो महाबलः। विषमस्थानसम्भूतां पीड़ां हरतु मे तमः।।८ ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ ::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: ::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 केतु ग्रहको 🇳🇵🇳🇵🇳🇵 .................................................................. वैदिक मन्त्र ॐ केतु कुण्वन्न केतवे पेशो मर्याऽअपेशसे । समुषद्भिरजायथाः ॥ .................................................................. गायत्री ॐ गदाहस्ताय विद्महे अमृतेशाय धीमहिः तन्नः केतु प्रचोदयात । ................................................................. तान्त्रिक मन्त्र १:--- ॐ कें केतवे नमः २:--- ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः जपसंख्या :-- ७ हजार .................................................................. विकटा को मन्त्र जपसंख्या :--- .................................................................. दान गर्ने वस्तु वैदर्यमणि ( लहसुनिया) तेल,फलाम,कालाेतिल,फुस्राे कपडा,बाेकाे हतियार कम्बल,नरिवल ,सप्तधान्य,कस्तुरि,अादि दान गर्ने .................................................................. रत्न धारण गर्ने वैदर्यमणि,३ वा ६ रत्तिकाे सुनवा चाँदिकाे अाैँठिमा बिहीबार वा तिष्य नक्षत्र पारेर दाहिने हातकाे माझी अाैँलामा धारण गर्ने .................................................................. उपासना गणेश जीकाे उपासना .................................................................. स्नान सर्र्स्युँ,बेसार,राताे चन्दनले स्नान गर्ने .................................................................. व्रत गणेश चतुर्दशिकाे व्रत .................................................................. पाठ गणेश सहस्र नाम,पाठ गर्नाले वा गणेश अथर्वशीर्ष पाठ गरेर .................................................................. पुजा भैरव पूजा, .................................................................. समिधा कुशकाे समिधा हवन गरेर .................................................................. बलि विभिन्न प्रकारकाे अन्नवलि दिएर .................................................................. स्तोत्रम् पलाशपुष्पसङ्काशं तारकाग्रहमस्तकम्। रौद्रं रौद्रात्मकं घोरं तं केतुं प्रणमाम्यहम्॥९॥ ................................................................ केतु पीडाहर स्तोत्र धूम्रवर्णः शिरच्छेदः सर्परूपो महातपः। विषमस्थानसम्भूतां पीड़ां हरतु मे शिखिः।।९ :::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::